चिकन पॉक्स मतलब हिंदी में - Chicken Pox Meaning in Hindi
इसको हिंदी में छोटी माता या चेचक के नाम से भी जाना जाता है। चिकन पॉक्स (Chicken Pox meaning in Hindi) मुख्यतः वैरिसेला नामक वायरस से फैलता है, और सामान्यतः बच्चों को व्यस्कों की तुलना में अधिक प्रभावित करता है। आमतौर पर यह दिसम्बर माह से फरवरी माह तक (December to spring) सबसे ज्यादा फैलता है और कई बार यह संक्रमण सालभर रहता है।राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार, 2014 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अनुमान लगाया कि दुनिया में प्रति वर्ष गंभीर जटिलताओं वाले लगभग 4.2 मिलियन वैरीसेला मामले और लगभग 4200 संबंधित मौतें होती हैं।इसके मुख्य लक्षणों (Symptoms of Chicken Pox in Hindi) में मुख्यतः छोटे छोटे, द्रव से भरे फफोले के साथ खुजली होना सम्मलित हैं ।इसको आयुर्वेद में लघु मसूरिका के नाम से भी जाना जाता है क्यूंकि इसमें मसूर के दाल के साइज़ के छोटे छोटे दाने मरीज के शरीर पर हो जाते हैं। यद्धपि यह एक खतरनाक बीमारी है परन्तु अगर सही समय पर इसके लक्षणों की पहचान करके इसका सही इलाज (Chicken Pox Treatment in Hindi) करा लिया जाये तो यह आसानी से ठीक हो जाती है और जान का खतरा नहीं रहता।चिकन पॉक्स के कारण- Causes of Chicken Pox in Hindi
इसका फ़ैलने (chicken pox kaise hota hai)का मुख्य कारण वैरिसेला-ज़ोस्टर वायरस होता है, परन्तु यह एक संक्रामक रोग है जो संक्रमण से फ़ैलता है। चिकन पॉक्स (chickenpox is caused by) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खाँसने ,छींकने हाथ मिलाने, थूकने, फोड़े-फुंसी से निकले द्रव, कपड़े इत्यादि के सम्पर्क में आने से फ़ैलता है। यद्धपि चिकन पॉक्स व्यस्कों की अपेक्षा बच्चों को अधिक होता है फिर भी यह व्यस्कों में हो सकता है यदि-- उन्हें पहले कभी यह बीमारी नहीं हुआ हो
- चिकन पॉक्स के लिए टीकाकरण न कराया हो
चिकन पॉक्स के लक्षण - Symptoms of Chicken Pox in Hindi
सामान्यतः चिकन पॉक्स संक्रमण वायरस (Symptoms of Chicken Pox in Hindi) के संपर्क में आने के 10 से 21 दिन तक होता है और 5-10 दिन तक रहता है। छोटे, द्रव से भरे फफोले के साथ खुजली होना इसका मुख्य लक्षण है, इसके अतिरिक्त इसके लक्षण बच्चों और व्यस्कों में अलग अलग होते हैं। इसकेसामान्य लक्षण- Symptoms of Chicken pox in Hindi इस प्रकार हैं-- बुखार (Fever in Hindi)
- दाने के साथ चक्कर आना
- तेज़ दिल की धड़कन
- सांस की तकलीफ
- झटके/दौरे पड़ना
- मांसपेशियों के समन्वय की कमी
- थकान/कमजोरी (fatigue meaning in hindi)
- खाँसी बढ़ना
- उल्टी- Vomiting
- गर्दन में कठोरता महसूस करना इत्यादि
चिकन पॉक्स के लक्षण बच्चों में :
ज्यादातर बच्चों को चिकनपॉक्स 10 साल की उम्र से पहले होता है, बच्चों में इसके लक्षण इस प्रकार हैं -- बुखार, दर्द और सिरदर्द अक्सर एक दिन या उससे पहले लाल चकतों के निकलने से पहले शुरू होता है।
- स्पॉट (दाने)- शरीर पर छोटे-छोटे धब्बे दिखाई देते हैं और कुछ समय बाद वे छोटे फफोले में विकसित हो जाते हैं और खुजली(Khujli ke upay) का कारण बनते हैं। ये धब्बे शरीर पर कहीं भी हो सकते हैं। कुछ बच्चों को चिकन पॉक्स के धब्बे इतने ज्यादा हो जाते हैं की उनका पूरा शरीर धब्बों से ढंक जाता है।
- भूख कम लगना और खाना खाने में परेशानी आना।
चिकन पॉक्स के लक्षण व्यस्कों में:
व्यस्कों और बचो में इसके लक्षणों के समान ही होते हैं किन्तु व्यस्कों में यह लक्षण कई बार अधिक घातक हो सकते हैं। इसके मुख्य लक्षणों में सम्मिलित हैं-- फ़्लू जैसे लक्षण- बुखार, थकान, भूख ना लगना, शरीर में दर्द, और सिरदर्द। लाल धब्बे चेहरे और छाती पर दिखाई देते हैं, अंत में पूरे शरीर में फैलते हैं।
- लाल धब्बे, खुजली, द्रव से भरे फफोले पूरे शरीर पर हो जाते हैं।
- द्रव से भरे छाले, घाव बन जाना।
गर्भावस्था के दौरान चिकन पॉक्स- Chicken Pox in Pregnancy
यदि किसी गर्भवती महिला को चिकन पॉक्स होता है तो वह और उसका बच्चा दोनों को ही गम्भीर जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। कुछ समस्याएं इस प्रकार हैं-- निमोनिया
- जन्म के वक़्त, शिशु के वजन मे कमी होना
- असामान्य अंग और मस्तिष्क के विकास जैसे जन्म दोष
चिकन पॉक्स का इलाज एवं निवारण - Chicken Pox Treatment in Hindi
स्वस्थ बच्चों में इसके लिए चिकित्सा इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। यह बीमारी ठीक होने के लिए अपना समय लेती ही है। यद्धपि भिन्न भिन्न लक्षणों को कम करने के लिए के लिए आप दवा ले सकते हैं। इसके लक्षणों के आधार पर कुछ दवाये इस प्रकार हैं -- बुखार और दर्द के लिए पेरासिटामोल का ही प्रयोग करें, इसके अलावा किसी अन्य दवा का प्रयोग डॉक्टर की सलाह से ही करें।
- खुजली कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह से ही दवाई ले।
- किसी अन्य प्रकार के इन्फेक्शन के लिए एंटीबायोटिक्स का प्रयोग करें।
- खुजली से छुटकारा पाने के लिए कैलामाइन लोशन और कोलाइडियल दलिया का स्नान लें।
- कई बार डॉक्टर वायरस से लड़ने के लिए एसाइक्लोविर या वैलेसीक्लोविर जैसी दवाएं भी लिख सकता है।
- खुजली से राहत के लिए ठंडे पानी में थोड़ा बेकिंग पाउडर मिलाकर स्नान करें।
- जितना हो सके बच्चो का कमरा ठंडा रखें और उन्हें सूती कपडे पहनायें।
- फोड़ों और फुंसियों पर एंटीबायोटिक क्रीम लगायें।
चिकन पॉक्स से होने वाली समस्याएं
सामान्यतः चिकन पॉक्स गंभीर बीमारी नहीं होती किन्तु कुछ गलतियों के कारण यह किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण भी बन सकती है इससे उत्पन्न कुछ प्रमुख समस्याएं इस प्रकार हैं-- निमोनिया
- निर्जलीकरण (Dehydration)
- बैक्टीरिया संक्रमण
- एन्सेफलाइटिस(मस्तिष्क की सूजन)
छोटी माता के घरेलू उपचार
चिकनपॉक्स के उपचार के लिए आप घर पर कुछ चीजें कर सकते हैं जो लक्षणों को कम कर देंगे। आइए देखें कि ये क्या हैं।1. कैलामाइन लोशन लगाएं2. दलिया से स्नान करें3. खुद को खरोंचने से बचाने के लिए दस्ताने पहनें4. नीम के पानी से स्नान करें5. चेचक के लिए बताई गई दर्दनिवारक दवाएं लें6. आप बेकिंग सोडा से भी नहा सकते हैं7. डॉक्टर द्वारा बताए गए आवश्यक तेल लगाएं8. इम्युनिटी के लिए नींबू का रस पिएं9. चिकनपॉक्स के लिए उबले हुए अमरूद के पत्ते11. सूजन और बैक्टीरिया के हमले को कम करने के लिए हर्बल चाय पिएं।छोटी माता कितने दिन रहती है
चिकनपॉक्स से उबरने का कोई निश्चित समय नहीं होता है। ऐसी कुछ दवाएं हैं जिनका सेवन आप चेचक के लक्षणों के प्रभाव को कम करने के लिए कर सकते हैं। कूलिंग इफ़ेक्ट के लिए आप पेरासिटामोल या कैलामाइन लोशन ले सकते हैं। आमतौर पर चिकनपॉक्स से ठीक होने में 2 से 3 सप्ताह का समय लगता है।पूछे जाने वाले प्रश्न - FAQs
[rank_math_rich_snippet ]अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों
चिकन पॉक्स होने का कारण क्या है?
चिकनपॉक्स वैरिकाला-जोस्टर वायरस (VZV) के कारण होने वाली एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है। यह अन्य लक्षणों के साथ खुजली, फफोले जैसे दाने पैदा कर सकता है। दाने सबसे पहले छाती, पीठ और चेहरे पर दिखाई देते हैं और फिर पूरे शरीर में फैल जाते हैं।
चिकन पॉक्स से जल्दी ठीक कैसे हो?
टीकाकरण के अलावा, आप अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करके और अपने हाथों को बार-बार धोकर चेचक के प्रसार को रोकने में मदद कर सकते हैं। चिकनपॉक्स वाले लोगों के लिए अपना जोखिम कम करें। यदि आपको पहले से चिकनपॉक्स है, तो तब तक घर पर रहें जब तक कि आपके सभी फफोले सूख न जाएं और उन पर पपड़ी न बन जाए।
चिकन पॉक्स ठीक होने में कितना समय लगता है?
चिकनपॉक्स से ठीक होने में कितने दिन लगते हैं? चिकनपॉक्स आमतौर पर 10 से 14 दिनों के बाद चला जाता है। चिकनपॉक्स के लिए टीका विकसित होने से पहले, संक्रमण के कारण मृत्यु और अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। एक बार होने वाली इस बचपन की बीमारी को रोकने में उपलब्ध टीका 90% से अधिक प्रभावी है।
चिकनपॉक्स के 3 लक्षण क्या हैं?
चिकन पॉक्स के मुख्य लक्षण है: 1. बुखार 2. थकान 3. शरीर में दर्द
क्या चिकन पॉक्स 5 दिनों में साफ हो सकता है?
चिकन पॉक्स कुछ दिनों जैसे ३ या ४ दिन तक रहता है। पर पूरी तरह ठीक होने के लिए २ से ४ सप्ताह लग जाते है।
चिकनपॉक्स कितने दिनों में ठीक हो जाता है?
चिकन पॉक्स के दिए गए दाग कई सप्ताह तक रहते है अगर वो फैट जाये तो कुछ निशान सालो तक भी रहते है। हलाकि पूरी बीमारी को जाने में २ से ४ सप्ताह ही लगते है।
चिकनपॉक्स किस उम्र में होता है?
वैसे तो ये किसी को भी हो सकता है पर ये देखा गया है ये बचो में जो १० साल की उम्र से छोटे होते है उन्हे काफी जल्दी चिकन पॉक्स होता है। ये वसंत ऋतू में काफी जल्दी पखड़ता है क्युकी तब बचो की इम्युनिटी लौ होती है।
चिकन पॉक्स में क्या परहेज करना चाहिए?
मसाले दार खाना और अधिक नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ की साथ फ़ास्ट फ़ूड, तला खाना और ऑयली फ़ूड नहीं खाना चाहिए। यही नहीं खट्टे फल और जूस से भी बचना चाहिए।
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