Endoscopy meaning in hindi: आज कल के दौर में जब भी कोई किसी भी गंभीर बीमारी से पीड़ित होता है और डॉक्टर के पास जाता है तोह डॉक्टर द्वारा उहने एक ख़ास तरह की झाँच करवाने के लिए कहा जाता है, जिससे हम मेडिकल भाषा में एंडोस्कोपी (Endoscopy in hindi) कहा जाता है। आइये जानते हैं इस लेख के माद्यम से हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि एंडोस्कोपी क्या होता है, एंडोस्कोपी क्यों करते है और किन परिस्थितियों में की जाती है।
एंडोस्कोपी क्या है ? - Endoscopy kya hai?
एंडोस्कोपी (गुहान्त्दर्शी - Endoscopy meaning in Hindi) शब्द का सीधा मतलब है “अन्दर देखना” । अगर चिकित्सीय भाषा में समझाया जाये तो यह एक गैर-शल्य प्रक्रिया है जिसमें डॉक्टर द्वारा खास तरह के उपकरणों का इस्तेमाल कर रोगी के शरीर के अंदरूनी अंगों को देखकर उनका इलाज किया जाता है।
एंडोस्कोपी कैसे करते हैं ? (Endoscopy kaise karte hain)
इस प्रक्रिया में एक लम्बी और पतली नली का इस्तेमाल किया जाता है जिसमे कैमरा लगा होता है जिसके द्वारा डॉक्टर मरीज़ के अंदरूनी अंगों को देख पता है । आमतौर पर यह नली मुंह अथवा गुदा के द्वारा शरीर के अन्दर पहुंचाई जाती है, पर कभी- कभार डॉक्टर द्वारा छोटा सा चीरा लगा कर भी इसे शरीर के अन्दर प्रवेश करवाया जाता है ।
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एंडोस्कोपी क्यूँ करते हैं ? (Endoscopy kyun karte hain in hindi)
पेट की एंडोस्कोपी कैसे होती है? एंडोस्कोपी ख़ास लक्षणों के देखें जाने पर कि जाती है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं (endoscopy kaise hoti hai):
- पेट में अलसर/ छाले
- पाचन तंत्र से खून का बहना
- आंतों के सूजने पर
- लंबे समय से कब्ज की समस्या होने पर (Constipation in Hindi)
- पित्ताशय की पथरी
- रसौली
- अगराशय शोध
- पेशाब में खून का आना
- ग्रासनली में रूकावट
एंडोस्कोपी की मदद से डॉक्टर किसी भी प्रकार के असामान्य लक्षण को सही ढंग से समझ पाते हैं | यहाँ तक की विशेष परिस्थितियों में उतक का अंश लेकर , उसका विश्लेषण करने के लिए लैब में भेजा जाता है।भारत में एंडोस्कोपी करने की कॉस्ट जानने के लिए यहाँ क्लिक करें -भारत में एंडोस्कोपी टेस्ट की कॉस्ट
एंडोस्कोपी के प्रकार - Types Of Endoscopy in Hindi
एंडोस्कोपी कितने प्रकार की होती है? एंडोस्कोपी का वर्गीकरण शरीर के किस हिस्से में किया जा रहा है, इस आधार पर की जाती हैं उनमें से मुखेयतः इस प्रकार हैं :
1. लार्यन्गोस्कोपी (Laryngoscopy):
इसमें कन्ठनली(larynx) का निरीक्षण किया जाता है | स्कोप को नासिकाओ या मुंह द्वारा शरीर के अन्दर भेजा जाता है। यह प्रक्रिया जिन विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा की जाती है, उने otolaryngologist कहा जाता है ।
2. थोरैकोस्कोपी/प्लेरोस्कोपी (Thoracoscopy/Pleuroscopy):
इसमें फुफ्फुसीय रोग विशेषज्ञ (pulmonologist) द्वारा छाती में छोटा सा चीरा लगाकर स्कोप को अन्दर भेजा जाता है ताकि छाती के आसपास के हिस्सों को देखा जा सके ।
3. मीडियासतीनोसकोपी (Mediastinoscopy):
थोरेसिक सर्जन द्वारा छाती की हड्डी के ऊपर चीरा लगाकर स्कोप को अन्दर भेजा जाता है । इसमें फेफड़ो के बीच वाले हिस्सों का निरीक्षण किया जाता हैं
4.ब्रोंकोस्कोपी (श्वसनीदर्शन)(bronchoscopy):
यह प्रक्रिया pulmonologist डॉक्टर द्वारा फेफड़ो के नरीक्षण के लिए की जाती है।
5. आर्थोस्कोपी (Arthroscopy):
यह प्रिक्रिया जोड़ों पर की जाती है। हड्डियों के सर्जन इस प्रक्रिया के दौरान जोड़ के पास चीरा लगाकर स्कोप के लिए रास्ता बनाते है।
6. लेप्रोस्कोपी (Laparoscopy):
सर्जन द्वारा पेल्विक अथवा पेट के आसपास चीरा लगाकर स्कोप को अन्दर भेजा जाता है।
7. कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) (बृहदांत्रदर्शन):
इस प्रक्रिया को गस्त्रोएन्तेरोलोजिस्ट (gastroenterologist) डॉक्टर के द्वारा किया जाता हैं। स्कोप को गुदा के रास्ते अन्दर पहुँचाया जाता है ताकि colon का इलाज किया जा सके ।
8. एन्तेरोस्कोपी (Enteroscopy):
यह प्रक्रिया छोटी आंत के के लिए की जाती है, स्कोप को मुँह अथवा गुदा के द्वारा अन्दर पहुँचाया जाता है ।
9. सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy):
स्कोप को मूत्रमार्ग (urethra) से मुत्राशय (bladder) तक यूरोलॉजिस्ट (urologist) डॉक्टर द्वारा पहुंचाया जाता है जिससे bladder से संबंधित लक्षणों को समझा जा सके ।
10. हैस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) (गर्भाशयदर्शन):
इसमें स्त्रीरोग विशेषज्ञ (Gynecologist) द्वारा गर्भाशय (uterus) को जांचने के लिए स्कोप को योनी से अन्दर भेजकर गर्भाशय की जांच की जाती है।
11. अपर गस्त्रोइन्तेस्तिनल एंडोस्कोपी (ऊपरी आंत्र) (upper gastrointestinal endoscopy):
ग्रासनली (esophagus) और ऊपरी आंत्र पथ (upper intestinal tract) की जाँच के लिए यह प्रक्रिया की जाती है, डॉक्टर मुह के रास्ते स्कोप को अन्दर भेजता है।
12. सिग्मोइडोस्कोपी (Sigmoidoscopy) (अवग्रहान्त्रदर्शन):
इस प्रक्रिया को करने वाले डॉक्टर को proctologist कहते हैं, इसमें गुदा से नली को मलांत्र (rectum) और बड़ी आंत के निचले हिस्सों तक पहुँचाया जाता है, जिसे sigmoid colon (अवग्रह बृहदांत्र) भी कहा जाता है।
13. युरेटेरोस्कोपी (Ureteroscopy):
यह प्रक्रियायूरोलॉजिस्टडॉक्टर द्वारा किया जाता है । इसमें युरेटर (ureter) का नरीक्षण किया जाता है
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एंडोस्कोपी करने से पहले डॉक्टर मरीज़ के लक्षणों को समझने की कोशिश करता है और कभी-कभार रोगी को रक्त परीक्षण (blood test) कराने के लिए भी कहा जाता है । इस सारी प्रक्रिया से डॉक्टर को रोग को समझने में मदद मिलती है और यह भी सुनिश्चित किया जाता है की रोग का निवारण बिना एंडोस्कोपी ( endoscopy Meaning in hindi ) अथवा सर्जरी के किया जा सकता है यह नहीं।
कुछ अध्ययनों के अनुसार, अमेरिकन सोसाइटी फॉर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी (एएसजीई) के दिशानिर्देश भी "उच्च जोखिम" वाले मरीजों के लिए एंडोस्कोपी की सलाह देते हैं, जिनमें 50 वर्ष से अधिक उम्र के मरीज, जिनमें नई शुरुआत वाली अपच, अलार्म लक्षणों की उपस्थिति (डिस्पैगिया, वजन कम होना, जीआई रक्तस्राव के प्रमाण, उल्टी शामिल हैं) शामिल हैं। )
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों
एंडोस्कोपी करने से क्या पता चलता है?
यदि आपके पास अस्पष्टीकृत पेट दर्द है तो आपको ऊपरी एंडोस्कोपी की आवश्यकता हो सकती है। ऊपरी पाचन तंत्र में रक्तस्राव। समुद्री बीमारी और उल्टी।
एंडोस्कोपी में कितना खर्च आता है?
शुरुआती कीमत ₹ 2,100 है। औसत लागत ₹ 6,300 है। अधिकतम मूल्य ₹ 10,500 है।
एंडोस्कोपी की आवश्यकता कब होती है?
एन्डोस्कोपी उन बीमारियों और स्थितियों का परीक्षण करने के लिए ऊतक के नमूने (बायोप्सी) एकत्र करने का अवसर प्रदान करता है जो एनीमिया, रक्तस्राव, सूजन या दस्त का कारण हो सकते हैं। यह ऊपरी पाचन तंत्र के कुछ कैंसर का भी पता लगा सकता है।
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