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Epilepsy Meaning in Hindi - मिर्गी के दौरे के कारण, लक्षण और इलाज

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मिर्गी (Epilepsy meaning in Hindi) शब्द सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले एक कंडीशन आ जाती है जिसमे मरीज को दौरे पड़ते हैं और वह बहुत बार बेहोश होकर फर्श पर गिर पड़ता है या अनकंट्रोलबल हो जाता है और बहुत बार तो मरीज अपना ब्लैडर कंट्रोल भी खो देता है, कभी कभी इसके मरीज असामान्य व्यवहार करने लगते हैं। कुछ समय बाद यह दौरा खत्म हो जाता है और वह इंसान वापस होश में आ जाता है। पर अधिकतर मामलों में मरीज़ डरा- सहमा सा रहता है। यह एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है जो दिमाग और नर्वस सिस्टम को असर पहुंचाती है। अगर किसी को बार बार दौरे पड़ते हैं तो यह हो सकती है और यह काफी आम कंडीशन्स में से एक है, पर जब तक दौरे न पड़े तब तक यह कहना मुश्किल है की मरीज को मिर्गी है। यह किसी को भी हो सकती है, यह सभी जाति, समाज और आयु के लोगो को हो सकती है, वैसे ये ज्यादातर बच्चों या 65 साल से ऊपर के लोगों में ज्यादा पाई जाती है। आइये जानते है की मिर्गी (Epilepsy in Hindi) को कैसे पहचाने और मिर्गी के लक्षण और उपाय संभव हो सकते हैं।

एपिलेप्सी हिंदी में - Epilepsy Meaning in Hindi

एपिलेप्सी को हिंदी में मिर्गी के दौरे (fits attack meaning in hindi) के नाम से जाना जाता है, जिसके बारे में लगभग 3000 साल पहले प्राचीन बेबीलोन में पता लगाया गया था। असल में यह एक बहुत सामान्य मष्तिष्क विकारों में से एक है जो किसी भी आयु वर्ग के व्यक्तियों को हो सकता है। जब किसी व्यक्ति को इसका दौरा पड़ता है तो वह बहुत ही असामान्य व्यवहार करता है और कई बार तो इससे पीड़ित व्यक्ति को याद भी नहीं रहता की उसे दौरा पड़ा था।एपिलेप्सी (seizure meaning in hindi) शब्द ग्रीक भाषा के शब्द अटैक से लिया गया है।
 
पुराने समय में इसके बारे में लोगों की ऐसे धारणा थी कि इसका दौरा आना भगवान या राक्षसों के आने से होता है पर 400 BC में कुछ प्रारंभिक चिकित्सकों ने बताया की यह एक मस्तिष्क का विकार है जो अनेक कारणों की वजह से हो सकता है। इसमें हमारे दिमाग में नर्व सेल्स और न्यूरॉन्स के क्लस्टर में कभी-कभी अजीब व्यवहार, मस्सल स्पासंस, और कभी कभी बेहाश होना, इस प्रकार के असामान्य व्यवहार होते हैं। न्यूरॉन्स आमतौर पर एक इलेक्ट्रोमेग्नेटिक इम्पल्स उत्पन्न करते है जो मनुष्य में सोचने की शक्ति, भावनाएं,और कार्य करने के क्षमता पैदा करता है।
 
एपिलेप्सी या इसके दौरे में मनुष्य के मष्तिष्क की न्यूरोनल एक्टिविटीकी सामान्य संरचना गड़बड़ा जाती है परिणामस्वरूप उसके व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है और उसकी नर्व सुन्न पड़ जाती हैं यहां तक कि उसे यह भी ज्ञात नहीं होता की उसके साथ क्या हो रहा है। कुछ लोगो में यह परेशानी कभी कभी होती है वहीं कुछ लोगों को यह परेशानी दिन में सैंकड़ो बार हो सकती है।

“डव्लू एच् ओ (WHO) के अनुसार संसार भर में कुल 50 मिलियन लोग प्रतिदिन मिर्गी का शिकार होते हैं”

मिर्गी के प्रकार - Types of Epilepsy in Hindi

यह अलग-अलग प्रकार की होती है। अभी तक डॉक्टर्स ने करीबन 100 से ज्यादा प्रकार के मिर्गी सिंड्रोम की खोज की है। अलग अलग प्रकार के मिर्गी के दौरे की पहचान उसके लक्षणों के आधार पर की जा सकती है, जिनमे से कुछ सिंड्रोम वंशानुगत होते हैं परन्तु इनका सही कारण अभी तक ज्ञात नहीं हो पाया है। यहाँ इसके कुछ प्रसिद्द प्रकार दिए गए हैं-
  • अनुपस्थिति दौरे (जिसे पहले पेटिट मल के नाम से जाना जाता था)
  • टॉनिक-क्लोनिक या कन्वल्सिव दौरे (जिसे पहले ग्रैंड मल के नाम से जाना जाता था)
  • अटॉनिक दौरे (ड्रॉप अटैक के नाम से भी जाना जाता है)
  • क्लोनिक दौरे
  • टॉनिक दौरे
  • मायोक्लोनिक दौरे।

क्या मिर्गी संक्रामक है ? Is Epilepsy Contagious in Hindi?

यह संक्रामक नहीं है और न ही यह एक मानसिक बीमारी या मानसिक मंदता(मेन्टल रेटार्डेशन) है। मिर्गी (seizures meaning in hindi) के होने के कारण तो अभी तक स्पष्ट नहीं है पर अधिकतर यह सिर पर चोट लगने की वजह से, कोई घाव या ट्यूमर, कभी कभी ये वंशानुगत भी हो सकती है, पर ऐसा बिलकुल नहीं है की यह किसी के छुने या हवा के जरिये फ़ैल जाये। कभी-कभी हाई इंटेंसिटी के दौरे इसके मरीज़ के मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन ज्यादातर दौरे मस्तिष्क पर हानिकारक प्रभाव नहीं डालते हैं।

एपिलेप्सी के कारण - Causes of Epilepsy in Hindi

मिर्गी के दौरे किस कारण होते हैं यह कहना मुश्किल है और अभी तक इन दौरों के पड़ने का कारण (Causes of Epilepsy in Hindi) पूर्ण रूप से स्पष्ट नहीं हो पाया है। फिर भी कुछ ऐसे कारण होते हैं जिनकी वजह से मिर्गी के दौरे (Epilepsy Meaning in Hindi) होने की सम्भावना हो सकती है जैसे - सिर में चोट लगने की वजह से, मष्तिष्क में घाव होने के कारण, या कभी कभी यह वंशानुगत भी हो सकता है। हमारा मस्तिष्क बहुत सारे न्यूरॉन्स से मिलकर बना होता है जब मस्तिष्क के इन न्यूरॉन्स या तारों में असामान्यता उत्पन्न होती है या नर्व सिग्नलिंग रसायन (जिसे न्यूरोट्रांसमिटर कहते हैं) में असमान्यता उत्पन्न होती है तब इस वजह से आपको भी हो सकती है।कुछ अन्य कारक जो मिर्गी के दौरे (Epilepsy Meaning in Hindi) को बढ़ाने में सहायक होते हैं, शामिल हैं:
  • कार दुर्घटना के दौरान सिरमें आघात
  • स्ट्रोक या ट्यूमर (Brain Tumor Symptoms in Hindi) जैसे अन्य मस्तिष्क सम्बन्धी कंडीशंस
  • संक्रामक रोग, जैसे एड्स और वायरल एन्सेफलाइटिस
  • प्रसवपूर्व चोट, या जन्म से पहले होने वाली मस्तिष्क क्षति
  • ऑटिज़्म (Autism meaning in Hindi) या न्यूरोफिब्रोमैटोसिस, विकास संबंधी विकार
2 साल तक के बच्चों में मिर्गी और 65 साल से ज्यादा आयु के व्यक्तियों को होने का खतरा ज्यादा होता है।

एपिलेप्सी या मिर्गी के लक्षण - Mirgi ke Lakshan in Hindi

epilepsy meaning in hindi
इसका मुख्य लक्षण बार- बार दौरा पड़ना होता है। यदि निम्नलिखित में से एक या एक से अधिक लक्षण (Symptoms of Epilepsy in Hindi) दिखाई देते हैं, तो उस व्यक्ति को तुरन्त डॉक्टर को दिखाना चाहिए, खासकर यदि वे दोबारा शुरू होते है:
  • बिना तापमान के एक आवेग (कोई बुखार नहीं- Fever meaning in Hindi)
  • ब्लैकआउट, या मेमोरी लोस होना
  • कुछ अंतराल पर बेहोश होना, जिसके दौरान बोवेल या ब्लैडर का नियंत्रण खो जाता है, साथ ही थकावट होना
  • एक छोटे अंतराल के लिए, कुछ भी याद न रहना
  • बिना किसी कारण स्तब्ध रह जाना
  • अचानक गिर जाना
  • स्पष्ट उत्तेजना के बिना झपकी के अचानक झटके
  • बिना किसी स्पष्ट कारण के चबाने के अचानक झटके
  • थोड़े समय के लिए व्यक्ति को डर लगने लगता है और वह अपने को बात करने में असमर्थ पाता है
  • बार बार एक जैसा बर्ताव करना
  • अचानक से भयभीत हो जाना ; वे घबरा सकते हैं या क्रोधित हो सकते हैं
  • सूँघने, छूने और सुनने की क्षमता में अचानक परिवर्तन होना
निम्नलिखित कंडीशंस को समाप्त करने की आवश्यकता है। कभी कभी समान लक्षण (Symptoms of Epilepsy in Hindi) होने की वजह से इसके रूप में गलत निदान किया जा सकता है:
  • मिर्गी (Epilepsy Meaning in Hindi) जैसी लक्षणों के साथ उच्च बुखार
  • बेहोशी
  • नार्कोलेप्सी, या दिन के दौरान बार बार नींद आना
  • कैटाप्लैक्सी, या मांसपेशियों की कमजोरी
  • नींद संबंधी विकार
  • बुरे सपने
  • पैनिक अटैक
  • मनोवैज्ञानिक दौरे

मिर्गी का इलाज - Treatment of Epilepsy in Hindi

अभी तक मिर्गी (Epilepsy Meaning in Hindi) के बहुत सारे प्रकारों के लिए कोई इलाज (Treatment of Epilepsy in Hindi) उपलब्ध नहीं है। फिर भी सर्जरी के द्वारा बहुत सारे दौरों को पड़ने से रोका जा सकता है और इस स्थिति को सँभालने में भी काम आती है। अगर कोई ऐसे परिस्थिति ( सुधार योग्य मस्तिष्क की स्थिति) जो सही हो सकती है, दौरों का कारण बनी हुई है तो उसे भी सर्जरी की सहायता से रोका जा सकता है। अगर आपका डॉक्टर मिर्गी को डाइग्नोस क्र लेता है तो वह आपको दौरे रोकने के लिए दवाइयां देगा या एंटी-मिर्गी दवाएं देगा।अगर दवाओं से भी दौरे सही नहीं हो पा रहे हैं तो अगला विकल्प सर्जरी, एक स्पेशल डाइट, या VNS(वेगस नर्व स्टिमुलेशन) हो सकता है। आपके डॉक्टर का मुख्य उद्देश्य दौरों को होने से रोकना है साथ साथ इसका भी ध्यान रखना जरूरी है की मरीज़ को कोई साइड इफ़ेक्ट न हो, जिससे मरीज़ एक सामान्य, सक्रिय और अच्छा जीवन व्यतीत कर सके। कुछ उपचार विकल्पों में शामिल हैं:
  • एंटी- एपिलिप्टिक दवाएं: ये दवाएं आपके दौरे होने की संख्या को कम कर सकती हैं। कुछ लोगों में, ये दवाएं दौरे को खत्म भी कर देती हैं। दवाओं का असर ज्यादा हो उसके लिए जरूरी है की जैसे दवाएं prescribe की गयी हैं वैसे ही ली जाएँ।
  • वेगस नर्व स्टिमुलेटर: यह उपकरण सर्जरी के लिए प्रयोग होता है जिसे छाती पर त्वचा के नीचे रखा जाता है और विद्युत रूप से आपके गर्दन के माध्यम से चलने वाली नर्व को उत्तेजित करता है। यह दौरे को रोकने में मदद कर सकता है।
  • मस्तिष्क सर्जरी: मस्तिष्क का क्षेत्र जो दौरे पड़ने का कारण बनता है उसे हटाया जा सकता है या बदला जा सकता है।
अगर आप किसी व्यक्ति को इसका दौरा (epileptic meaning in hindi) पड़ता देखें तो तुरंत इसका प्रारम्भिक इलाज करें और उसे डॉक्टर के पास तुरंत ले जाएँ और अगर आपको या आपके जानने वाले किसी व्यक्ति को यह बीमारी है तो इसे गंभीरता से लेते हुए सही समय पर इसका इलाज करायें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

क्या मिर्गी किसी भी उम्र में शुरू हो सकती है?

मिर्गी आमतौर पर बचपन या वृद्धावस्था में शुरू होती है, हालांकि यह किसी भी उम्र में शुरू हो सकती है। 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में किसी भी उम्र में मिर्गी की सबसे अधिक घटनाएं होती हैं, नई शुरुआत वाली मिर्गी के लगभग एक चौथाई मामलों के लिए लेखांकन।

मिर्गी के कई संभावित कारण हैं?

मिर्गी के कई संभावित कारण हैं, जिनमें न्यूरोट्रांसमीटर, ट्यूमर, स्ट्रोक, और बीमारी या चोट से मस्तिष्क क्षति, या इनमें से कुछ संयोजन नामक तंत्रिका-सिग्नलिंग रसायनों का असंतुलन शामिल है। अधिकांश मामलों में, मिर्गी का कोई पता लगाने योग्य कारण नहीं हो सकता है।

क्या मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है?

मिर्गी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | CDC मिर्गी से पीड़ित अधिकांश लोग पूर्ण जीवन जीते हैं। हालांकि, कुछ के लिए जल्दी मौत का खतरा अधिक होता है। हम जानते हैं कि सर्वोत्तम संभव जब्ती नियंत्रण और सुरक्षित रहने से मिर्गी से संबंधित मृत्यु के जोखिम को कम किया जा सकता है।

मिर्गी के 5 लक्षण क्या हैं?

लक्षण:- 1. अस्थायी भ्रम। 2. घूरने का मंत्र। 3. कड़ी मांसपेशियां। 4. हाथ और पैर की बेकाबू झटकेदार हरकत। 5. चेतना या जागरूकता का नुकसान। 6. डर, चिंता या देजा वु जैसे मनोवैज्ञानिक लक्षण।

क्या मिर्गी ठीक हो जाती है?

हालांकि मिर्गी का कोई ज्ञात इलाज नहीं है, उपचार में विकास ने अधिकांश लोगों के लिए जब्ती नियंत्रण हासिल करना संभव बना दिया है। उपचार का पहला कदम आमतौर पर सही दवा या एंटी-एपिलेप्टिक ड्रग (एईडी) खोजना होता है।

मिर्गी किस उम्र में शुरू होती है?

मिर्गी जीवन के किसी भी समय शुरू हो सकती है, लेकिन इसका सबसे अधिक निदान बच्चों और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में होता है। मिर्गी से पीड़ित कुछ बच्चे परिपक्व होने पर दौरे से बाहर हो जाते हैं, जबकि अन्य में दौरे पड़ सकते हैं जो वयस्कता में जारी रहते हैं।