वैसे तो चाय और कॉफी आधुनिक जीवन का मुख्य हिस्सा बन चुके हैं परन्तु क्या आप जानते हैं इनके विभिन्न रूपों जैसे ग्रीन टी, ग्रीन कॉफ़ी, ब्लैक कॉफ़ी इत्यादि का सेवन करने के अनेक फायदे हो सकते हैं। आजकल वजन कम करने, अपने आप को फिट रखने, सुन्दर त्वचा इत्यादि के लिए कई प्रकार के डाइट प्लान्स और नेचुरल उत्पाद उपलब्ध हैं। ग्रीन कॉफ़ी उन्हीं उत्पादों में से एक है। Green Coffee Benefits in Hindi; वैसे तो ग्रीन कॉफी काफी नया उत्पाद है, लेकिन समय के साथ, यह उन महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो चुका है जो अपने को युवा बनाये रखना चाहती हैं और सुंदरता को संरक्षित करना चाहती हैं।इसी प्रकार ग्रीन कॉफ़ी के बहुत सारे फायदे होते हैं, उनमे से एक है वजन कम करना। ग्रीन कॉफी का उल्लेख पहली बार 2012 में डॉ ओज़ शो द्वारा किया गया था, उनके अनुसार - ग्रीन कॉफी बीन्स सबसे तेज़ी से फैट को बर्न करते हैं और इसके साथ किसी भी प्रकार की एक्सरसाइज या डाइट प्लान लेने की भी आवश्यकता नहीं है। यदि आपने कभी ग्रीन कॉफी का सेवन नहीं किया है तो उनके लिए यह आश्चर्य का कारण हो सकता है कि इसके फायदे क्या क्या हैं और क्या इसका सेवन करने से कोई नुकसान भी हो सकता हैं। यह सब जानने के लिये आइये जानते हैं ग्रीन Green Coffee in Hindi, किस प्रकार तैयार की जाती है,
- ग्रीन कॉफी का मतलब हिंदी में
- स्वास्थ्य के लिए ग्रीन कॉफ़ी के फायदे
- ग्रीन कॉफी को बनाने की विधि
- ग्रीन कॉफी पीने के नुकसान
ग्रीन कॉफी का मतलब हिंदी में - Green Coffee in Hindi
यदि आपसे कोई पूछे की कॉफी बीन्स या कॉफी का रंग कैसा होता है, और आप जबाब देते हैं - भूरा रंग, तो यह काफी हास्यप्रद होगा। दरअसल कॉफी का मूल रंग हरा होता है, जिसे भूनने के बाद इसका रंग भूरा हो जाता है। दरअसल ये कॉफी बीन्स कोफ्फ़ीआ अरेबिका नमक पौधे से प्राप्त होते हैं जिन्हे रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली कॉफ़ी बीन बनाने के लिए भुना जाता है। यह रोस्टिंग प्रक्रिया बीन के स्वाद, सुगंध और रंग को बदल देती है। रोस्टिंग की इस प्रक्रिया के बाद कॉफी बीन का आयल निकल जाता है जिसके बाद यह और भी स्वादिष्ट हो जाती है। इसका स्पष्ट मतलब है कि रोजाना पी जाने वाली कॉफी और ग्रीन कॉफी बीन के अर्क के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य लाभ भी काफी भिन्न होते हैं।भूनने के दौरान, कॉफी बीन्स में मौजूद प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट्स निकल जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी फायदेमंद नहीं होता, लेकिन ये ग्रीन कॉफ़ी बीन उस प्रक्रिया से नहीं गुजरती हैं और इस प्रकार इसमें प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट्स बने रहते हैं जो वास्तव में हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक फायदेमंद माने जाते हैं।ग्रीन कॉफ़ी की कितनी मात्रा का सेवन करें?
वैज्ञानिक शोधों के अनुसार एक दिन में ग्रीन कॉफ़ी की करीबन 200 से 480 mg का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। यह भी ध्यान में रखें की दिन में 2 कप से ज्यादा कॉफ़ी का सेवन न करें।आइये जानते हैं ग्रीन कॉफ़ी बीन्स किस प्रकार हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है?
Green Coffee Benefits in Hindi - स्वास्थ्य के लिए ग्रीन कॉफ़ी के फायदे
ग्रीन कॉफी बीन्स पहले की तुलना में आजकल बहुत तेजी से लोकप्रिय हो चुके हैं, बल्कि आजकल ग्रीन कॉफी बीन सबसे अधिक लोकप्रिय सप्लीमेंट और वजन घटाने वाले उत्पादों में से एक हैं। वे हृदय की रक्षा करने से लेकर न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के जोखिम को कम करने, बुढ़ापे के प्रभाव और बहुत कुछ के साथ स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। आइये जानते हैं इसके फायदों के बारे में।1. वजन घटाने व प्रबंधन में सहायक
ग्रीन कॉफी बीन्स में क्लोरोजेनिक एसिड होता है जो शरीर में ग्लूकोज और ऊर्जा के लिए संग्रहीत वसा को बर्न करने में सहायता करता है।कैफीन भी वजन कम करने में एक अहम भूमिका निभाता है। बहुत से अध्ययनों से पता चलता है कि कैफीन वास्तव में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर एक उत्तेजक प्रभाव डालता है, जो चयापचय को करीबन 3 से 11 % बढ़ावा देने में मदद करता है। इसे पीने से चयापचय में वृद्धि होती है और फैटी एसिड के ऑक्सीकरण में वृद्धि होती है, जो वजन कम करने और वजन बनाए रखने की क्षमता को बनाये रखता है।इसके अलावा कुछ शोधों के अनुसार, क्लोरोजेनिक एसिड पाचन तंत्र से कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को कम कर सकता है, जो ब्लड शुगर के स्तर और इंसुलिन स्पाइक्स को कम करता है, जिसका अर्थ है, ग्रीन कॉफी बीन्स का सेवन, कम कार्ब आहार का पालन करने के समान ही होता है।और पढ़िए : How To Lose Weight In Hindi | जल्दी वजन कम कैसे करें?
2. ब्लड शुगर को नियंत्रित रखे
ग्रीन कॉफी बीन्स में एंटीऑक्सिडेंट्स का उच्च स्तर और अन्य स्वास्थ्यप्रद योगिक होते हैं, जो जलन को कम करके ब्लड शुगर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। जो ग्लूकोज़ के स्तर को कम करने में सहायक होता है, और इस प्रकार यह टाइप 2 डायबिटीज के विकास के जोखिम को कम करने में मदद करता है।एक रिसर्च के अनुसार डिकैफ़िनेटेड ग्रीन कॉफी बीन्स मानव शरीर में वसा के संचय और इंसुलिन प्रतिरोध को कम कर सकते है और इसके नकारात्मक प्रभावों को उलटने में सक्षम होते हैं।ग्रीन कॉफ़ी पर की गयी एक और रिसर्च के अनुसार, क्लोरोजेनिक एसिड समृद्ध ग्रीन कॉफी मोटे लोगों में ग्लूकोज के अवशोषण को कम कर सकती है।इसके अलावा ग्रीन कॉफी बीन के अर्क से डायबिटीज से जुड़े मस्तिष्क विकारों को रोकने में मदद मिल सकती है, और यह याददाश्त में सुधार करने और चिंता को कम करने में सामान्य कॉफी की तुलना में बहुत बेहतर होती है।3. एंटीऑक्सिडेंट गुण
ग्रीन कॉफी बीन्स में, अनप्रोसेसेस्ड होने के कारण बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं। इसके शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट गुण शरीर में हानिकारक मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं और समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। कई अध्ययनों ने पुष्टि की है कि कच्ची और अनप्रोसेसेस्ड ग्रीन कॉफी बीन्स में 100% शुद्ध क्लोरोजेनिक एसिड (CGA) होता है, जो स्ट्रांग एंटीऑक्सिडेंट गुणों के साथ एक कैफिक एसिड एस्टर की तरह कार्य करता है।कई विशेषज्ञों का मानना है कि फ्री रेडिकल डैमेज, कैंसर और एथेरोस्क्लेरोसिस जैसे कई रोगों के विकास का एक प्रमुख कारक होते हैं। ग्रीन कॉफी बीन्स में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट न केवल कुछ प्रकार के कैंसर और हृदय रोग, बल्कि अल्जाइमर रोग, धब्बेदार अध: पतन, गठिया-संबंधी स्थितियों और अन्य को प्रबंधित करने या रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।4. हृदय स्वास्थ्य में सुधार
ग्रीन कॉफी बीन्स में उपस्थित क्लोरोजेनिक एसिड ग्लूकोज अवशोषण को कम करने के लिए काफी प्रसिद्ध है, जो डायबिटीज मैनेजमेंट में एक सुरक्षात्मक भूमिका प्रदान कर सकता है, शरीर के वजन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, और रक्त वाहिकाओं को सकारात्मक रूप से प्रभावित करके मानव हृदय के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।एक अध्ययन के बाद पाया गया कि ग्रीन कॉफी पीने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) वाले लोगों में रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) कम पाया गया है। इसके अलावा जिन लोगों को थोड़ा कम है ब्लड प्रेशर होता है, यदि वे ग्रीन कॉफ़ी के 93 मिलीग्राम या 185 मिलीग्राम मात्रा का रोजाना सेवन करते हैं तो एक महीने से भी कम समय में उनका ब्लड प्रेशर सामन्य हो सकता है।
5. एंटी एजिंग गुण
ग्रीन कॉफी बीन्स में उपस्थित हाई लेवल एंटीऑक्सिडेंट्स और क्लोरोजेनिक एसिड उम्र बढ़ने के प्रभावों को धीमा करने के लिए जाने जाते हैं।जैसे-जैसे मनुष्य की आयु बढ़ती है, उनका चेहरा वह पहला क्षेत्र होता है जो पराबैंगनी विकिरण और UV Rays से प्रभावित होता है, जो झुर्रियों, महीन रेखाओं, सैगिंग, मलिनकिरण और ड्राई स्किन का कारण बन सकता है।सूर्य की रोशनी से निकलने वाली UV Rays मानव त्वचा पर मुक्त कणों के उत्पादन को रोककर झुर्रियां, दाग धब्बे, ड्राई स्किन इत्यादि का कारण बनती हैं। यह त्वचा की रूपरेखा के महत्वपूर्ण घटकों को तोड़ देती हैं, और अंतत: परिणामस्वरूप यह वृद्धावस्था के लक्षणों की और संकेत करने लगते हैं। ग्रीन कॉफी बीन्स इसे फिर से जीवंत करने में मदद करती है, जिससे त्वचा की बनावट और दृढ़ता में सुधार के साथ-साथ लालिमा और झुर्रियों की उपस्थिति कम हो जाती है।6. एनर्जी बूस्टर (ऊर्जा बढ़ाने में सहायक)
अधिकांश लोग मानते हैं कि कॉफी पीने से एनर्जी लेवल में बढ़ोतरी होती है। सामन्य कॉफ़ी या ब्लैक कॉफ़ी की तरह ही ग्रीन कॉफी बीन्स भी एनर्जी बूस्ट करने में सहायक होती है। ग्रीन कॉफ़ी बीन्स में कैफीन के रूप में जाना जाने वाला उत्तेजक होता है जो मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देकर वजन घटाने के साथ साथ ऊर्जा के स्तर को बढ़ा सकता है।ग्रीन कॉफी बीन्स में उपस्थित कैफीन मस्तिष्क में शीघ्रता से पहुंचता है, एडेनोसिन नामक एक निरोधात्मक न्यूरोट्रांसमीटर को अवरुद्ध करता है, और डोपामाइन जैसे फील-गुड हार्मोन (ऐसे हॉर्मोन खुशी का एहसास दिलाने में सहायक होते हैं) की वृद्धि को ट्रिगर करता है। साथ ही यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र उत्तेजक के रूप में भी कार्य करता है। साथ ही यह ध्यान केंद्रित करने में वृद्धि, प्रेरणा, और अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण को भी जन्म देता है।इसके आलावा यह मनुष्य को अधिक जागने और कम थका हुआ महसूस करने में भी सहायता प्रदान करता है। यही कारण है कि इसे उनींदापन के इलाज के लिए दवाओं में एक सामान्य घटक के रूप में शामिल किया जाता है।
ग्रीन कॉफ़ी बनाने की विधि
ग्रीन कॉफ़ी बनाना उतना ही आसान होता है जितना सामान्य कॉफ़ी। ग्रीन कॉफ़ी बनाने के लिए ग्रीन कॉफ़ी के हरे हरे बीन्स को रात भर के लिए एक गिलास पानी में भिगो कर रखें और सुबह होने पर इस पानी को अच्छे से उबाल लें। पानी अच्छे से उबलने के बाद इसे छानकर इसका सेवन करें। इस विधि के अलावा यदि आपके पास ग्रीन कॉफ़ी पाउडर उपलब्ध है, तो पाउडर को एक गिलास पानी में डालकर उबालें और इसका सेवन करें।बहुत से लोगों को इसका स्वाद अच्छा नहीं लगता, ऐसी स्थिति में आप इसमें थोड़ा सा शहद मिला सकते हैं। यहाँ यह याद रखना अति आवश्यक है कि ग्रीन कॉफ़ी में चीनी न मिलाएं इससे आपको वजन कम करने में सहयोग मिलने के स्थान पर आपका वजन बढ़ाने में सहायता मिलेगी।Green Coffee Side Effects in Hindi - ग्रीन कॉफी पीने के नुकसान
कोई वस्तु या उत्पाद जितना लाभकारी होता है उसके थोड़े बहुत नुकसान भी होते हैं, जिस प्रकार शक्तिशाली दवाओं के फायदे होने के साथ साथ कुछ नुकसान भी होते हैं उसी प्रकार ग्रीन कॉफी के भी कुछ नुकसान होते हैं। जो निम्नलिखित हैं:- विशिष्ट स्वाद:जिस प्रकार ग्रीन टी का स्वाद ब्लैक टी से अलग होता है उसी प्रकार ब्लैक कॉफ़ी, सामान्य कॉफ़ी और ग्रीन कॉफ़ी के स्वाद में काफी अंतर होता है। हर कोई एक स्पष्ट हर्बल स्वाद पसंद नहीं करता है, लेकिन आप पेय में चीनी जोड़ सकते हैं और इस तरह स्थिति को सही कर सकते हैं।
- लागत:ग्रीन कॉफ़ी सामान्य कॉफी की तुलना में बहुत महंगी होती है, किन्तु इसके लाभ इतने सारे हैं कि इसकी लागत को अनदेखा किया जा सकता है।
- अंतर्विरोध:ग्रीन कॉफी के कुछ मुख्य नुकसान हैं, क्योंकि वे इस तथ्य को जन्म दे सकते हैं कि मानव शरीर को इसका नुकसान ज्यादा हैं और लाभ कम। मतभेदों में उच्च रक्तचाप, मोतियाबिंद, आंत की जलन, दस्त, ऑस्टियोपोरोसिस, चिंता विकार शामिल हैं।
- गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान ग्रीन कॉफी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- ग्रीन कॉफ़ी की अधिक मात्रा आपके पेट के लिए हानिकारक हो सकती है, इससे आपके पेट में खराब हो सकती है या पेट से जुडी किसी अन्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
- बहुत से लोगों को ग्रीन कॉफ़ी पीने से सिर में दर्द या एंजायटी जैसे समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। परन्तु यह समस्या सभी को हो यह आवश्यक नहीं है।
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