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What to eat in Typhoid Fever - टाइफॉयड में क्या खाएं और क्या नहीं

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क्या आप जानते हैं कि दूषित भोजन या दूषित पानी पीने से आप टाइफॉयड बुखार के शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा टाइफॉयड बुखार होने का एक और कारण होता है- वह है एक बैक्टीरिया। बैक्टीरिया जिसके कारण टाइफॉयड बुखार होता है उसे साल्मोनेला टाइफी के नाम से जाना जाता है। क्यूँकि टाइफॉयड बुखार होने का कारण दूषित भोजन होता है इस कारण जरूरी है की इस दौरान क्या खाएं और क्या न खाएं इस बात का विशेष ध्यान (Typhoid Diet chart in Hindi) रखें। इस लेख में पहले हम टाइफॉयड बुखार के बारे में और इसके लक्षणों, कारणों के बारे में जानेगें और उसके बाद टाइफॉयड बुखार में क्या डाइट लें इस पर चर्चा करेंगे।
टाइफॉयड एक इंटेस्टाइनल विकार है, इसलिए इसमें खाने की गुणवत्ता (Typhoid diet in Hindi) का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। इसलिए टाइफॉयड से पीड़ित होने पर, नियमित अंतराल पर थोड़ी मात्रा में भोजन लेते रहना चाहिए जिससे आपके शरीर की ताकत और ऊर्जा बनी रहे। लेकिन आपको खाने वाले भोजन के प्रकार की भी अच्छे से जांच करनी चाहिए। आम तौर पर लोग ब्लेंड भोजन खाना पसंद करते हैं, क्योंकि यह आरामदायक और पचाने में आसान होता है। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ टाइफॉयड के रोगी की डाइट का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, उसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। इसके अलावा टाइफॉयड बुखार में क्या खाना चाहिए (typhoid fever treatment and food in hindi) यह निचे दिया गया है।

टाइफॉयड डाइट चार्ट - Typhoid me kya khaye in Hindi

टाइफॉयड बुखार के लिए एक पूर्ण (diet for typhoid patient in hindi) और सेहतमंद डाइट वह है जिसमे छोटे छोटे और हल्का भोजन शामिल हो। इस डाइट में ऐसा भोजन शामिल होना चाहिए जो प्रोटीन से युक्त हो, सॉफ्ट और ब्लेंड हो, आसानी से पचाने योग्य, और जिसमे फाइबर और फैट कम मात्रा में हो। इसके अलावा टाइफॉयड बुखार के दौरान और क्या क्या खाना चाहिए यह विस्तार से नीचे बताया गया है।टाइफॉयड बुखार साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होता है जो रुके हुए पानी, गंदी जगहों, दूषित भोजन और दूषित पानी में पैदा होता है। यह एक अत्यन्त संक्रामक बीमारी है जो मनुष्य के इम्यून सिस्टम को खराब कर देता है। इसके मुख्य लक्षणों में सिरदर्द, बुखार (Fever in Hindi), दस्त (Dast ke Lakshan), थकान (Fatigue Meaning in Hindi), कब्ज (Constipation meaning in Hindi), ठंड लगना, स्प्लीन और लिवर का बढ़ जाना, चेस्ट कंजेस्शन इत्यादि शामिल हैं। ज्यादातर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का होना टाइफॉयड बुखार के साथ बहुत आम हैं। साथ साथ कुछ रोगियों को कभी कभी उल्टी, जी मिचलाना और भूख न लगने की समस्याओं का भी सामना करना पड़ जाता है।

उच्च कैलोरी आहार

टाइफॉयड बुखार से पीड़ित रोगियों को उच्च कैलोरी आहार लेना चाहिए। शरीर में उच्च कैलोरी की मात्रा टाइफॉयड बुखार के कारण शरीर के वजन को कम होने से रोकती है। कुछ भोजन जिनमे कैलोरी की मात्रा उच्च होती है में शामिल हैं- पास्ता, उबले हुए आलू, व्हाइट ब्रेड और केले।

तरल पदार्थ

टाइफॉयड बुखार से पीड़ित रोगी को जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ देना चाहिए। टाइफॉयड बुखार के दौरान रोगी का शरीर निर्जलीकरण का शिकार हो जाता है जिसके परिणामस्वरूप रोगी गंभीर रूप से दस्त और बुखार से पीड़ित हो सकता है। इसलिए जरूरी है की ऐसा भोजन और फल खाएं जिसमे पानी की मात्रा अधिक हो और ताज़ा फलों के रस को भी अपनी डाइट में शामिल करें। दिन में कम से कम 6 से 8 गिलास पानी अवश्य पियें।

उच्च कार्बोहायड्रेट पदार्थ

टाइफॉयड बुखार के दौरान ऐसा भोजन करना चाहिए जिसमे कार्बोहाइड्रेट उच्च मात्रा में उपस्थित हो। इसके अलावा टाइफॉयड के रोगी को ऐसा भोजन देना चाहिए जो आसानी से पच जाये। उबले हुए चावल, बेक्ड आलू और पके हुए अंडे टाइफॉयड बुखार में फायदेमंद होते हैं।

डेयरी उत्पाद

डेयरी उत्पाद की अधिक मात्रा टाइफॉयड बुखार में बहुत फ़ायदेमंद होती है क्योंकि डेयरी उत्पाद टाइफॉयड के रोगी के लिवर को शक्ति प्रदान करते हैं और साथ ही साथ उनके पाचन को सुचारु रूप से चलाने में भी मदद करते हैं।

योगर्ट और अंडे

टाइफॉयड के रोगी के आहार में योगर्ट और अंडे अबश्य शामिल करने चाहिये क्योंकि ये मीट की तुलना में पचाने में आसान होते हैं और प्रोटीन की कमी को भी पूरा करते हैं। वहीं अगर टाइफॉयड का रोगी शाकाहारी है तो उसे प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए दालें, फलियाँ और कॉटेज चीज़ देना चाहिए।

ओमेगा 3 फैटी एसिड

ओमेगा -3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए यह भी टाइफाइड रोगी की डाइट का हिस्सा होना चाहिए।ये सब हमे अपने जीवन में अपनाना चाहिए और इसका सेवन (typhoid me kya khana chahiye) करना चाहिए इससे हमारे टाइफाइड फीवर और उसके लक्षण काम करने में मदद मिलती है।

टाइफॉयड में क्या न खायें? - Foods to Avoid in Your Typhoid Diet Chart in Hindi

जैसा की हमने इस लेख में ऊपर बताया है कि टाइफॉयड बुखार दूषित खाना खाने से होता है तो इस दौरान कौनसा भोजन नहीं खाना (Typhoid me kya khaye in hindi) चाहिए इसका ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ऐसा भोजन जिसको खाने से पाचन क्रिया में अवरोध उत्पन्न हो, टाइफॉयड बुखार के दौरान उसे खाने से बचना चाहिए। साथ ही कच्ची दालें, सब्जियाँ, और अघुलनशील फाइबर युक्त भोजन खाने से बचना चाहिए। यहां हमने टाइफॉयड बुखार के दौरान कौनसा भोजन खाने से बचें उसके बारे में बताया है -
  • उच्च फाइबर खाद्य पदार्थों (Fibre Rich Indian Food) को खाने से बचें क्योंकि अघुलनशील फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ आपके पाचन सिस्टम को खराब कर देते हैं।
  • गोभी और कैप्सिकम जैसी सब्जियों को न खायें क्योंकि वे टाइफॉयड बुखार के दौरान गैस और सूजन का कारण बन सकते हैं।
  • प्याज और लहसुन जैसे मजबूत स्वाद वाले भोजन से बचें क्योंकि ये रोगी के पेट में जलन पैदा कर सकते हैं।
  • मसालेदार और एसिटिक एसिड युक्त भोजन जैसे मिर्च और सिरका इत्यादि न खाएं, मिर्च टाइफॉयड से पीड़ित रोगी को बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं।
  • घी, मक्खन, और तले- भुने खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए।
टाइफॉयड बुखार के लिए डाइट चार्ट बनाते समय एक बार अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह लें और हेल्दी और साफ- स्वच्छ भोजन ही खायें। जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके पानी और अन्य तरल पदार्थ लेते रहें इसके साथ ही साथ इस बात का भी ध्यान रखें की टाइफॉयड के रोगी को दूषित और गन्दी जगहों पर जाने न दें।

टाइफाइड का इलाज हिंदी में - Typhoid treatment in Hindi

टाइफाइड बुखार एक जीवाणु संक्रमण है जो जीवाणु साल्मोनेला एंटरिका सेरोटाइप टाइफी के कारण होता है। यह आमतौर पर दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलता है। यदि आपको संदेह है कि आपको टाइफाइड बुखार है या इसका निदान किया गया है, तो उचित निदान और उपचार के लिए तुरंत चिकित्सा की तलाश करना महत्वपूर्ण है।टाइफाइड बुखार के उपचार में आमतौर पर बैक्टीरिया को मारने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का संयोजन और लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए सहायक देखभाल शामिल होती है। टाइफाइड के उपचार के लिए आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली कुछ एंटीबायोटिक्स इस प्रकार हैं:
 
फ्लोरोक्विनोलोन: सिप्रोफ्लोक्सासिन और लेवोफ्लॉक्सासिन को अक्सर टाइफाइड बुखार के जटिल मामलों के लिए प्रथम-पंक्ति उपचार के रूप में निर्धारित किया जाता है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में फ्लोरोक्विनोलोन का प्रतिरोध बढ़ रहा है, इसलिए यदि आवश्यक हो तो आपका डॉक्टर अन्य विकल्पों पर विचार कर सकता है।
 
तीसरी पीढ़ी के सेफलोस्पोरिन: सेफ्ट्रियाक्सोन और सेफिक्सिम टाइफाइड के खिलाफ प्रभावी होते हैं और फ्लोरोक्विनोलोन के विकल्प के रूप में उपयोग किए जाते हैं, विशेष रूप से फ्लोरोक्विनोलोन के लिए उच्च प्रतिरोध दर वाले क्षेत्रों में।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

टाइफाइड के लक्षण क्या हैं?

लक्षण और इलाज | टाइफाइड बुखार | CDC टाइफाइड बुखार और पैराटाइफाइड बुखार के लक्षण और लक्षण क्या हैं? कमज़ोरी। पेट दर्द। सिर दर्द। दस्त या कब्ज। खाँसी। भूख में कमी।

टाइफाइड होने के 4 कारण क्या हैं?

संक्रमण कैसे फैलता है बैक्टीरिया से दूषित शौचालय का उपयोग करना और हाथ धोने से पहले अपने मुंह को छूना। संक्रमित पू या पेशाब से दूषित जल स्रोत से समुद्री भोजन खाना। मानव मल से निषेचित कच्ची सब्जियां खाना। दूषित दूध उत्पाद।

क्या टाइफाइड एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है?

टाइफाइड बुखार और पैराटायफायड बुखार कैसे फैलता है? ये रोग भोजन या पानी के सीवेज संदूषण और व्यक्ति-से-व्यक्ति संपर्क के माध्यम से फैलते हैं।

टाइफाइड क्या मारता है?

टाइफाइड बुखार का इलाज एंटीबायोटिक्स से किया जाता है जो साल्मोनेला बैक्टीरिया को मारता है। एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग से पहले, मृत्यु दर 20% थी। अत्यधिक संक्रमण, निमोनिया, आंतों से रक्तस्राव, या आंतों के छिद्र से मृत्यु हुई। एंटीबायोटिक्स और सहायक देखभाल के साथ, मृत्यु दर 1% -2% तक कम हो गई है।

क्या मैं टाइफाइड में दूध पी सकता हूँ?

टाइफाइड के रोगी दूध का सेवन कर सकते हैं। हालांकि, बैक्टीरिया के हमले की संभावना को कम करने के लिए खपत से पहले दूध को ठीक से उबालना जरूरी है।

कितने प्रकार के पूर्ण अनाज खा सकते हैं?

टाइफाइड से अधिकार के दौरान आपको कार्बोहाइड्रेट लेने की सलाह दी जाएगी। इसलिए, आपको आहार में शामिल किया जाना चाहिए, मूंग का अनाज, परिणाम आलू, परिणाम परिणाम और कवर किए गए सेब जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। टाइफाइड के दौरान इन अर्ध-ठोस खाद्य पदार्थों को आसानी से पचाया जा सकता है।